Uttarakhand Politics उत्तराखंड में एकबार फिर से नेतृत्व परिवर्तन होने जा रहा है। दोपहर तीन बजे विधायक दल की बैठक होगी जिसमें नए मुख्यमंत्री के नाम का एलान होगा। इसके लिए केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर प्रदेश के लिए रवाना हो गए हैं।
जागरण टीम, देहरादून। Uttarakhand Politics उत्तराखंड में एकबार फिर से नेतृत्व परिवर्तन होने जा रहा है। दोपहर तीन बजे विधायक दल की बैठक होगी, जिसमें नए मुख्यमंत्री के नाम का एलान होगा। इसके लिए केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर प्रदेश के लिए रवाना हो गए हैं। आपको बता दें कि शुक्रवार देर रात मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कल देर रात उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को अपना इस्तीफा सौंपा था।
- बीजापुर गेस्ट हाऊस पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत।
- पर्यवेक्षक नरेंद्र सिंह तोमर बीजापुर अथिति गृह पहुंचे। कुछ विधायक भी पहुंच चुके हैं। तोमर विधायकों से बात करेंगे।
- तीरथ सिंह रावत बोले, इस्तीफा नहीं दिया होता तो इससे संवैधानिक संकट पैदा हो जाता। कुछ राज्यों में, कोविड के कारण उपचुनाव में देरी हुई। परिस्थितियों ने इस स्थिति को जन्म दिया है। आज की विधानसभा बैठक में नेता चुने जाएंगे।
- भाजपा विधायक दल के नेता के चयन के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में केंद्रीय मंत्री एनएस तोमर देहरादून पहुंचे।
- भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने बताया किदोपहर तीन बजे विधानसभा की बैठक में नेता (सीएम) का चुनाव किया जाएगा। उसके बाद, सरकार गठन के लिए राज्यपाल से मिलेंगे। संभव है कि सीएम विधायकों में हों।
अजय भट्ट बोले, कांग्रेस से ज्यादा सीटें जीतेंगे
सांसद अजय भट्ट ने 2022 में होने जा रहे विधानसभा चुनाव को लेकर कहा कि भाजपा लोगों की सुरक्षा और बेहतरी से समझौता नहीं करती, पहले राष्ट्र, फिर पार्टी और अंत में हम ही हमारा आदर्श वाक्य है। हम कांग्रेस से ज्यादा सीटें जीतेंगे; मतगणना के दौरान उन्हें जवाब मिलेगा।
राजनीतिक गलियारों में विधायकें के बीच चार नाम चर्चा में
प्रदेश को 11 वां सीएम मिलने जा रहा है। अभी मुख्यमंत्री पद के लिए राजनीतिक गलियारों में विधायकों के बीच से चार संभावित नाम चर्चा में हैं। इनमें त्रिवेंद्र और फिर तीरथ मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा. धन सिंह रावत के अलावा कैबिनेट मंत्री बिशन सिंह चुफाल, विधायक पुष्कर सिंह धामी और ऋतु खंडूड़ी भूषण के नाम मुख्य हैं। यह बात अलग है कि इनसे इतर भी कोई अन्य बाजी मार सकता है।
पिछले नेतृत्व परिवर्तन की भांति मुख्यमंत्री के नाम को लेकर भाजपा हाईकमान अगर इस बार भी चौंकाने पर आया, तो गैर विधायकों पर भी भाजपा दांव खेल सकती है। सांसदों में से किसी को जिम्मेदारी सौंपने पर यह सूरत बन सकती है कि वे बतौर मुख्यमंत्री छह माह का कार्यकाल पूरा करने से दो माह पहले विधानसभा को भंग कर चुनाव की सिफारिश कर दें। ऐसे में केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी, सांसद अजय भट्ट व अजय टम्टा के नामों पर केंद्रीय नेतृत्व विचार कर सकता है।
News Source – Dainik Jagran