Lockdown 2021 Extension 3.0 कारोबारियों का कहना है कि यह कैसा लॉकडाउन है। लोग आराम से घूम रहे हैं। ऐसे में कैसे संक्रमण की कड़ी कैसे टूटेगी? यह लॉकडाउन के नाम पर तमाशा चल रहा है। दिल्ली पुलिस व प्रशासन की लापरवाही साफ नजर आ रही है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। एक बार फिर दिल्ली सरकार ने लॉकडाउन बढ़ाने की घोषणा की है। यह अगले सप्ताह भी जारी रहेगा। यह तीसरा मौका है जब इस वर्ष लॉकडाउन को बढ़ाना पड़ा है। दिल्ली सरकार ने 17 व 18 अप्रैल के कर्फ्यू के बाद 20 अप्रैल को एक सप्ताह के लॉकडाउन की घोषणा की थी, तब सरकार ने लोगों को आश्वस्त किया था कि इससे संक्रमण के प्रसार को काबू करने में मदद मिलेगी और लॉकडाउन आगे नहीं बढ़ाया जाएगा, लेकिन तब से लगातार इसे बढ़ाया जा रहा है, लेकिन दिल्ली में संक्रमण में कमी नहीं आई है, बल्कि हालात और बदतर हुए हैं।
आंकड़ों पर नजर डालें तो 17 अप्रैल को जहां संक्रमण की दर 24.56 फीसद और मौतें 167 थी। वहीं, 30 अप्रैल को यह बढ़कर 32.69 फीसद और मौत 375 हुई। मतलब सब कुछ दांव पर लगाने के बाद भी दिल्ली की बर्बादी जारी है। ऊपर से अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन और दवाओं को लेकर मचे कोहराम से हर कोई खौफ में है। हालात इतने गंभीर हैं कि दिल्ली का व्यापारी और उद्यमी वर्ग गंभीर आर्थिक संकट के बावजूद अपने प्रतिष्ठान खोलने को तैयार नहीं है, बल्कि लॉकडाउन को कड़ाई से लागू करने की मांग उठ रही है। ऐसे में दिल्ली सरकार को लॉकडाउन बढ़ाने के फैसले लेने में सहूलियत हो रही है, लेकिन बिना जमीनी प्रभाव के लाकडाउन का कोई औचित्य नहीं दिखता है।
कंफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल कहते हैं कि दिल्ली की स्थिति भयावह है। पैसा और रसूख रखा रह जा रहा है, हर किसी को अस्पताल के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही हैं। अस्पतालों में बेड नहीं है, ऑक्सीजन और दवाएं नहीं मिल रही हैं। इसके चलते लोग दम तोड़ रहे हैं। ऐसे में व्यापारी वर्ग डरा हुआ है। वह कहते हैं कि दिल्ली सरकार को रणनीति बदलनी होगी। लॉकडाउन लगा देने से हल नहीं निकलेगा, क्योंकि इस बार का लॉकडाउन सख्त नहीं है। सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था चल रही है। लोगों के आने जाने पर पाबंदी नहीं है। हर जगह पटरी बाजार लग रहे हैं। सरकार को आवश्यक वस्तुओं को छोड़कर सबकुछ सख्ती से बंद कर देना चाहिए। इसी तरह सभी बाजार संगठनों और आरडब्ल्यूए को साथ लेकर अभियान चलाना चाहिए। उन्होंने केंद्र से भी हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा कि दिल्ली के हालात सुधारने के लिए किसी केंद्रीय मंत्री को लगाया जाए।
वहीं, फेडरेशन ऑफ सदर बाजार ट्रेडर्स एसोसिएशन (फेस्टा) के अध्यक्ष राकेश यादव कहते हैं कि यह कैसा लॉकडाउन है। लोग आराम से घूम रहे हैं। ऐसे में कैसे संक्रमण की कड़ी कैसे टूटेगी? यह लॉकडाउन के नाम पर तमाशा चल रहा है। दिल्ली पुलिस व प्रशासन की लापरवाही साफ नजर आ रही है। लोगों को मरने के लिए छोड़ दिया गया है। इस मामले में केंद्र व दिल्ली सरकार से आग्रह है कि वे सख्ती दिखाएं। यातायात, होटल, रेस्त्रां, ई-कामर्स व पटरी बाजार पर रोक लगाई जाए।
17 अप्रैल
- नए मामले-24375
- संक्रमण दर-24.56 मौत 167
- 0.68
18 अप्रैल
- नए मामले -25462
- संक्रमण दर- 29.74
- मौत – 161
- मृत्युदर-0.63
19 अप्रैल
- नए मामले- 23686
- संक्रमण दर- 26.12
- मृत्यु- 240
- मृत्युदर-1.01
20 अप्रैल
- नए मामले-28395
- संक्रमण दर- 32.82
- मृत्यु-277
- मृत्युदर- 0.97
21 अप्रैल
- नए मामले-24638
- संक्रमण दर- 31.28
- मृत्यु-249
- मुत्युदर-1.01
22 अप्रैल
- नए मामले-26169
- संक्रमण दर- 36.24
- मृत्यु-306
- मृत्युदर-1.16
23 अप्रैल
- नए मामले-24331
- संक्रमण दर- 32.43
- मृ्त्यु-348
- मृत्युदर-1.4
23 अप्रैल
- नए मामले -24103
- संक्रमण दर-32.27
- मृत्यु- 357
- मृत्युदर- 1.48
25 अप्रैल
- नए मामले-22933
- संक्रमण दर-30.21
- मृत्यु- 350
- मृत्युदर- 1.52
26 अप्रैल
- नए मामले- 20201
- संक्रमण दर-35.02
- मृत्यु-380
- मृत्युदर-1.88
27 अप्रैल
- नए मामले-24149
- संक्रमण दर-32.72
- मृत्यु-381
- मृत्युदर-1.57
28 अप्रैल
- नए मामले-25986
- संक्रमण दर-31.76
- मृत्यु-368
- मृत्युदर-1.40
29 अप्रैल
- नए मामले-24235
- संक्रमण दर-32.82
- मृत्यु-395
- मृत्युदर-1.40
30 अप्रैल
- नए मामले-27047
- संक्रमण दर-32.69
- मृत्यु-375
- मृत्युदर-1.40
Source – Jagran