भारत और इंग्लैंड के बीच 2011 में चार टेस्ट मैचों की सीरीज खेली गई थी। इस सीरीज का दूसरा टेस्ट मैच नॉटिंघम में खेला गया था, जिसमें इयान बेल के रनआउट को लेकर काफी चर्चा हुई थी। मैच के तीसरे दिन टी-ब्रेक से ठीक पहले इयान बेल को रनआउट दिया गया और टी-ब्रेक के बाद उस समय टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने अपनी अपील वापस लेते हुए इयान बेल को फिर से बल्लेबाजी के लिए बुला लिया था। इसके लिए हाल ही में महेंद्र सिंह धोनी को दशक का आईसीसी स्पिरिट ऑफ क्रिकेट अवॉर्ड भी दिया गया था। इस मामले में 10 साल बाद इयान बेल ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि उस समय गलती उनसे ही हुई थी।
टी-ब्रेक से पहले इयान बेल और इयोन मोर्गन बल्लेबाजी कर रहे थे। मोर्गन ने गेंद लेग साइड पर मारी। दोनों बल्लेबाजों को लगा कि गेंद चौके के लिए गई और दोनों ही पवेलियन की ओर लौटने लगे। प्रवीण कुमार उस समय बाउंड्री लाइन पर खड़े थे और उन्होंने गेंद को चौका जाने से बचाया। उन्होंने महेंद्र सिंह धोनी की तरफ गेंद फेंकी और धोनी ने गेंद अभिनव मुकुंद की ओर फेंकी और नॉन स्ट्राइकर एंड के बल्लेबाज को रनआउट किया। इसको लेकर इंग्लिश फैन्स ने टीम इंडिया की जमकर हूटिंग की थी। ऑन-फील्ड अंपायर ने इसके बाद इयान बेल को आउट दे दिया था।
बेल ने द ग्रेड क्रिकेटर्स यूट्यूब चैनल पर कहा, ‘इसके लिए धोनी को स्पिरिट ऑफ गेम अवॉर्ड मिला। लेकिन यह मेरी गलती थी। मैं शायद उस समय बहुत भूखा रहा होऊंगा, मुझे ऐसा बिल्कुल नहीं करना चाहिए था। 2011 से 2013 के बीच मैं अपने करियर के पीक पर था। टीम की तरह भी हम घर पर और बाहर जीत दर्ज कर रहे थे। हमनें ऑस्ट्रेलिया और भारत में भी टेस्ट सीरीज जीती थी, जो टेस्ट क्रिकेट में करना बहुत मुश्किल है।’
Source – livehindustan