अपने जमाने की जानी मानी अभिनेत्री थीं रणवीर सिंह की दादी, बॉलीवुड में राज कपूर ने दिया था ब्रेक

Ranveer singh

बॉलीवुड में अपनी मस्तमौला अंदाज के साथ रणवीर सिंह अपने शानदार एक्टिंग के लिए भी जाने जाते हैं। उन्होंने बॉलीवुड में ‘बैंड बाजा बारात’ से डेब्यू किया। तब से लेकर अब तक रणवीर सिंह ने अलग अलग तरह की फिल्में की हैं और दर्शकों का दिल जीता है। चाहें ‘पद्मावत’ का खिलजी हो या फिर ‘गली ब्वॉय’ का मुराद, रणवीर ने हर बार कुछ अलग और शानदार ही किया है। रणवीर सिंह का बॉलीवुड से पुराना नाता है। रणवीर के फैंस भले उनके बारे में काफी कुछ जानते हैं, पर बहुत कम लोगों को पता होगा कि रणवीर की दादी भी एक कलाकार थीं।

चांद बर्क

रणवीर की दादी का नाम था चांद बर्क। अभिनेता रणवीर सिंह की दादी और अभिनेत्री चांद बर्क का जन्म 2 फरवरी 1932 को पाकिस्तान के झूमरा में हुआ था। क्रिश्चियन परिवार में पैदा हुईं चांद बर्क का 12 भाई बहनों का भरा-पूरा परिवार था। चांद अपने सभी भाई बहनों में सबसे छोटी थीं। चांद बचपन से ही हर कला में निपुण थीं। 

चांद बर्क

चांद बर्क ने 1946 में 14 साल की उम्र में पंजाबी फिल्मों से अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत की थी। वो बहुत अच्छा डांस करती थीं और इसीलिए लोग उन्हें  ‘द डांसिंग लिलि ऑफ द पंजाब’ कहते थे। चांद बर्क को पंजाबी सिनेमा से बॉलीवुड में लाने का श्रेय जाता है राजकपूर को। चांद ने राजकपूर की फिल्म ‘बूट पॉलिश’ से हिंदी सिनेमा में कदम रखा था। 

चांद बर्क

1957 में चांद बर्क ने सुंदर सिंह भवनानी से शादी कर ली। सुंदर पेशे से आर्किटेक्ट थे और बहुत बड़े बिसनेसमैन भी थे। बाद में चांद के दो बच्चे हुए बेटी टोनिया और बेटा जगजीत सिंह। मालूम हो कि जगजीत सिंह भवनानी रणवीर सिंह के पिता हैं। रणवीर सिंह की एक बहन भी हैं जिनका नाम रितिका भवनानी है। चांद हमेशा से चाहती थीं कि उनका बेटा जगजीत अपनी मां की तरह ही एक बड़ा अभिनेता बने। लेकिन बेटे ने बाप की राह पर अपने कदम मोड़ लिए और बिजनेसमैन बन गया।

रणवीर सिंह, चांद बर्क

रणवीर की दादी ने 50 और 60 के दशक की कई फिल्मों में केरैक्टर रोल्स निभाए थे। हालांकि, अच्छी एक्टिंग के बावजूद रणवीर की दादी को इंडस्ट्री में वह नाम और पहचान नहीं मिल सकी थी, जिसकी वह हकदार थीं। रणवीर की दादी और अभिनेत्री चांद बर्क हमेशा कहा करती थीं, ‘जो हमारे पास नहीं है वो ख्वाब है और जो हमारे पास है वो लाजवाब है।’  मालूम हो कि 28 दिसंबर 2008 को चांद बर्क का निधन हो गया था।  

Source – amarujala

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